2025-01-06 12:42:01
बेंगलुरु / दिल्ली : चीन में हड़कंप मचाने वाला HMPV वायरस अब भारत पहुंच चुका है। इस वायरस ने भारत में भी दस्तक दे दी है। बेंगलुरु में एक 8 महीने की बच्ची में इसके लक्षण देखे गए हैं। भारत में इस नए वायरस के मिलने के बाद से लोगों में डर बन गया है। चीन में इस वायरस के चलते कई राज्यों में आपातकाल भी घोषित कर दिया गया है। भारत में यह एचएमपीवी वायरस का पहला मामला है। इससे पहले भारत में इसके एक भी मामला नहीं देखा गया है। हालांकि, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
आपको बता दे कि मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में आठ महीने की एक बच्ची में HMPV वायरस पाया गया है। शहर के बैपटिस्ट अस्पताल में यह पहला मामला सामने आया है। एक अधिकारी ने बताया कि चीन में इस वायरस के मामलों में वृद्धि के बीच बेंगलुरु में आठ महीने के बच्चे में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस का केस पाया गया है। उन्होंने बताया कि बच्ची का शहर के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि उन्होंने अपनी लैब में सैंपल की जांच नहीं कराई है। स्वास्थ्य विभाग के एक सूत्रों ने कहा, रिपोर्ट एक निजी अस्पताल से आई है। हमारे पास निजी अस्पताल के टेस्ट पर संदेह करने का कोई कारण नहीं है। जानकारी के अनुसार, बच्ची का कोई ट्रेवल हिस्ट्री नहीं है। कर्नाटक स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि मामले की जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को दे दी गई है। यह स्पष्ट नहीं है कि क्या यह एचएमपीवी का वही वेरिएंट है जो चीन में मामलों में वृद्धि का कारण बन रहा है। मामलों में वृद्धि की पुष्टि करते हुए चीनी विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने इसके लिए सर्दियों के मौसम को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने पर्यटकों और नागरिकों को आश्वस्त किया कि देश में यात्रा करना सुरक्षित है।
HMPV वायरस को लेकर अलर्ट है सरकार
चीन में यह वायरस जिस तरह से फैल रहा है यह कोरोना वायरस की याद दिला रहा है। लोगों के मन में इसे लेकर एक डर का माहौल बन गया है। इस वायरस को लेकर सरकार द्वारा एडवाइजरी भी जारी की गई है। भारत सरकार इस वायरस को रोकने के लिए अलर्ट मोड पर है। इस वायरस से निपटने के लिए सरकार द्वारा इस वायरस की पहचान करने के लिए लैब की संख्या भी बढ़ाई जाएगी। इसके साथ ही सांस से जुड़े लक्षण दिखने पर सरकार की ओर से नजर रखे जाने के निर्देश भी दिए गए हैं। हालांकि, बच्ची में भी चीन से यात्रा करके लौटने का कोई इतिहास नहीं है। HMPV वायरस चीन से फैला एक तरह का नया वायरस है, जिसे ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के नाम से जाना जाता है। इस वायरस से संक्रमित होने पर अक्सर लोग सांस से जुड़ी समस्या का शिकार हो जाते हैं। इस वायरस की चपेट में आने का ज्यादा खतरे छोटे बच्चों और बुजुर्गों में रहता है। इस वायरस के लक्षण काफी हद तक सर्दी-जुकाम से भी मिलते-जुलते होते हैं, इसलिए कई बार इस वायरस की पहचान कर पाना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। अगर आपको सांस लेने से जुड़ी समस्या है तो ऐसे में इसे नजरअंदाज न करें।
तीन जनवरी को भारत में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) ने कहा कि वह देश में श्वसन और मौसमी इन्फ्लूएंजा के मामलों की बारीकी से निगरानी कर रहा है और चीन में एचएमपीवी के प्रकोप की हालिया रिपोर्टों के मद्देनजर अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के संपर्क में है।
यह मामला शहर के उत्तरी हिस्से में स्थित लोकप्रिय बैपटिस्ट अस्पताल में सामने आया। एचएमपीवी या मानव मेटान्यूमोवायरस आमतौर पर 11 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में पाया जाता है। सभी फ्लू सैंपल में से लगभग 0.7 प्रतिशत एचएमपीवी होते हैं। सूत्रों ने कहा, हमें अभी तक यह नहीं पता है कि यह वायरस का कौन सा वेरिएंट है, क्योंकि हमारे पास चीन में पाए गए वायरस के प्रकार के बारे में डेटा नहीं है।
आपको बता दे की चीन द्वारा देश में एचएमपीवी के प्रकोप के बारे में चेतावनी दिए जाने के बाद राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने शनिवार को एक एडवाइजरी जारी की। विज्ञप्ति में स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि कर्नाटक में पिछले वर्ष की तुलना में दिसंबर 2024 में रिपोर्ट किए गए इंफेक्शन के मामलों की संख्या में कोई उल्लेखनीय वृद्धि नहीं हुई है। भारत सरकार के अनुसार, भारत में एचएमपीवी के मामले पहले भी सामने आ चुके हैं। हालांकि, इसका आधिकारिक आंकड़ा सामने नहीं आया है।
संवाददाता : रमण श्रीवास्तव