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भाजपा सांसद डॉक्टर भोला सिंह के विकास के साथ जन कल्याणकारी नीति है राजनीतिक जीवन सफर का आधार

10 सितंबर 1977 को बुलंदशहर के शिकारपुर में पैदा हुए डॉ. भोला सिंह की प्राथमिक शिक्षा तो बुलंदशहर में ही हुई, स्नातक और पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई के लिए मेरठ आ गए. यहां से उन्होंने साल 1999 में अपनी पढ़ाई पूरी की. वह रालोद के साथ राजनीति के मैदान में कूद पड़े. बाद में उन्होंने साल 2009 में कल्याण सिंह से प्रभावित होकर बीजेपी ज्वाइन कर ली.
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2024-12-07 08:37:00

नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश की बुलंदशहर लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के के संसाद डॉक्टर भोला सिंह ने 2024 में जीत की हैट्रिक लगाई. इस सीट से कांग्रेस ने शिवराम वाल्मीकि को उतारा था. बुलंदशहर सीट इंडिया गठबंधन के फॉर्मूले के तहत कांग्रेस के पास आई थी. चुनाव आयोग के अनुसार, बीजेपी के डॉ. भोला सिंह के खाते में 6 लाख 68 हजार 941 वोट गए और कांग्रेस के शिवराम वाल्मीकि 3 लाख 61 हजार 437 वोट हासिल करने में सफल हो गए, भोला सिंह ने 3 लाख 7 हजार 504 वोटों के अंतर से कांग्रेस को हराया. आपको बता दे कि डॉ. भोला सिंह पहली बार मोदी लहर में साल 2014 में इसी सीट से चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे. उस समय उन्हें कुल 6 लाख 4 हजार वोट मिले थे और उन्होंने बसपा के प्रदीप कुमार जाटव को 4.21 लाख वोटों के अंतर से हराया था. इसके बाद वह लगातार दूसरी बार साल 2019 में चुनाव के मैदान में उतरे और इस बार 6 लाख 81 हजार वोट पाकर 2 लाख 90 हजार वोटों के अंतर से बसपा के योगेश वर्मा को शिकस्त दी थी. डॉक्टर सिंह की राजनीति में एंट्री रालोद के साथ राजनीति के मैदान में कूद पड़े. वह साल 2007 में पहली बार रालोद के टिकट पर विधानसभा चुनाव के मैदान में उतरे, लेकिन उस समय मामूली अंतर से चुनाव हार गए थे. इसके बाद उन्होंने साल 2009 में कल्याण सिंह से प्रभावित होकर बीजेपी ज्वाइन कर ली. संयोग से उसी समय पार्टी में कल्याण सिंह का विवाद हो गया तो डॉ. भोला सिंह ने भी उनके साथ पार्टी छोड़ दी. हालांकि बाद में जब कल्याण सिंह वापस बीजेपी में लौटे तो भोला सिंह भी आ गए. इसके बाद बीजेपी ने उन्हें साल 2014 में लोकसभा चुनाव के मैदान में उतारा था.और भोला सिंह ने 2024 में जीत की हैट्रिक लगाई. डॉ. भोला सिंह एक भारतीय राजनेता हैं जो शिकारपुर, बुलंदशहर जिले से हैं और भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हैं। उनका जन्म 10 सितंबर 1977 को हुआ था। उनके पिता का नाम किशन लाल सिंह और माता का नाम स्मृति देवी है। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के गाँव बोहिच में हुआ था। भोला सिंह ने अपनी स्नातक की शिक्षा चौधरी चरण सिंह (सीसीएस) विश्वविद्यालय, मेरठ से पूरी की थी। उनका विवाह 6 मई 2002 को अनुराधा सिंह हुआ. वे यास्किन इंफोटेक और यास्किन एंटरप्राइजेज के निदेशक हैं. लोकसभा चुनाव में दिए गए शपथ पत्र के मुताबिक सांसद भोला सिंह ने अपनी कुल संपत्ति की कीमत 1.3 करोड़ रुपये दर्शाई थी। जबकि आय के तौर पर उन्होंने 19.11 लाख रुपये प्रति वर्ष वेतन और बैंक ब्याज से दर्शाए थे. राजनीति में डॉ. भोला सिंह ईमानदारी, मेहनत और जनता की सेवा के प्रति समर्पण प्रशंसा के योग्य है। उन्होंने अपने क्षेत्र के विकास के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। सिंह की सबसे बड़ी खासियत उनकी सरलता और जनता के साथ सहज संवाद है। वह अपनी नीतियों और कार्यक्रमों के माध्यम से आम जनता की समस्याओं को समझते और उनका समाधान करने का प्रयास करते हैं। उनकी दूरदर्शिता और नेतृत्व ने अलीगढ़ को विकास के नए आयाम दिए हैं। श्री सिंह ने बताया कि उनका प्रयास है कि क्षेत्र के हर नागरिक को समृद्धि और प्रगति का लाभ मिले। ऐसे प्रतिबद्ध नेता की तारीफ करना न केवल हमारा कर्तव्य है, बल्कि उनकी प्रेरणा को सम्मान देना भी है। सांसद अलीगढ़ ने अपने कार्यकाल के दौरान क्षेत्र में विभिन्न विकास कार्यों पर जोर दिया है। उनके नेतृत्व में निम्नलिखित प्रमुख कार्य किए गए हैं: 1. कृषि और किसान हित के लिए प्रयास: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि और कृषि उपकरणों में सब्सिडी जैसी योजनाओं को लागू करके किसानों की मदद की गई। साथ ही, यूरिया और डीएपी उर्वरकों पर सब्सिडी बढ़ाई गई, जिससे किसानों का उत्पादन लागत कम हुआ। 2. योजनाओं का लाभ ग्रामीण इलाकों तक पहुंचाना: प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, आयुष्मान भारत, जन औषधि केंद्र, और सौभाग्य योजना जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से ग्रामीण और गरीब परिवारों को सीधा लाभ पहुंचाया गया। इन योजनाओं ने स्वास्थ्य, बिजली, और रसोई गैस जैसी बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता में सुधार किया। 3. विकास परियोजनाओं का क्रियान्वयन: क्षेत्र में करोड़ों रुपये के विकास कार्यों का उद्घाटन किया गया। इनमें सड़कों का निर्माण, जल निकासी की व्यवस्था और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट शामिल हैं। 4. डिजिटल और सामाजिक बदलाव: डिजिटल भुगतान को बढ़ावा दिया और जनकल्याणकारी योजनाओं के जरिए समाज के कमजोर वर्गों तक राहत पहुंचाई। डॉ. भोला सिंह के प्रयासों से क्षेत्र में विकास की गति को बल मिला है, और उन्होंने केंद्र सरकार की योजनाओं को स्थानीय स्तर पर प्रभावी तरीके से लागू करने का प्रयास किया है। अपनी कार्यशैली के लिए जनता के बीच एक प्रभावी और सक्रिय जनप्रतिनिधि के रूप में जाने जाते हैं। उनकी कार्य करने की प्रवृत्ति निम्नलिखित विशेषताओं पर आधारित है:

1. समर्पित जनसेवा

डॉ. सिंह जनता की समस्याओं को सीधे सुनने और उनका समाधान करने के लिए हमेशा उपलब्ध रहते हैं। वे लोगों के बीच जाकर उनसे संवाद करने और उनकी जरूरतों को समझने पर जोर देते हैं। उनकी यह पहल उन्हें जमीनी स्तर पर जुड़ा हुआ नेता बनाती है।

2. योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन

वे केंद्र सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, किसान सम्मान निधि, आयुष्मान भारत, और डिजिटल इंडिया को अपने क्षेत्र में तेजी से लागू करने में सक्रिय भूमिका निभाते हैं। इन योजनाओं का लाभ सीधे गरीब और वंचित वर्गों तक पहुंचाने के लिए वे विशेष प्रयास करते हैं।

3. विकास केंद्रित दृष्टिकोण

डॉ. सिंह का फोकस विकास कार्यों पर है। उनके प्रयासों से अलीगढ़ में सड़कों, जल निकासी, और अन्य बुनियादी ढांचे के प्रोजेक्ट्स को प्राथमिकता दी गई है। उन्होंने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में समग्र विकास सुनिश्चित करने का प्रयास किया है।

4. कृषि और ग्रामीण कल्याण पर ध्यान

किसानों के हितों की रक्षा और उनके उत्पादकता बढ़ाने के लिए वे हमेशा प्रयासरत रहे हैं। उनकी पहलें, जैसे यूरिया और डीएपी पर सब्सिडी सुनिश्चित करना और आधुनिक कृषि उपकरणों की उपलब्धता, क्षेत्र के किसानों के लिए लाभदायक साबित हुई हैं।

5. सहज और संवादात्मक शैली

डॉ. सिंह की सरल और संवादात्मक शैली उन्हें जनता के बीच लोकप्रिय बनाती है। वे व्यक्तिगत और सामूहिक तौर पर लोगों के साथ संवाद करने में विश्वास रखते हैं, जिससे उनके नेतृत्व में लोगों को सीधा और पारदर्शी प्रशासन का अनुभव मिलता है। संवाददाता : रमण श्रीवास्तव

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