2024-11-08 14:51:57
शिमला : इन दिनों हिमाचल प्रदेश की राजनीति में समोसे चर्चा का विषय बने हुए हैं। मुख्यमंत्री का समोसा किसने इधर-उधर किया? यह हिमाचल प्रदेश सीआईडी के लिए पहेली बनी हुई है, क्योंकि सुखविंदर सिंह सुखू के लिए एक पांच सितारा होटल से मंगाया गया समोसा गलत प्लेट में पहुंच गया। 21 अक्टूबर की घटना को लेकर एक महिला इंस्पेक्टर समेत पांच पुलिसकर्मियों के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। सीआईडी जांच में समोसे और केक वाले तीन डिब्बों को लापरवाही से खाने को सरकार विरोधी कृत्य बताया गया है। खबरों के मुताबिक समोसे खाने के कारण पांच पुलिसकर्मियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इतना ही नहीं, उनके खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की भी संस्तुति की गई है। जांच जारी है। खबरों के मुताबिक, 21 अक्टूबर को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू साइबर विंग थाने का उद्घाटन करने सीआईडी मुख्यालय गए थे। हालांकि, सीएम को समोसे परोसने से पहले सीएम के स्टाफ में समोसे बांटे गए थे। जांच में पता चला कि सिर्फ एसआई को ही पता था कि ये डिब्बे खास तौर पर सीएम सुखू के लिए थे। जब इन्हें महिला इंस्पेक्टर को सौंपा गया, तो उसने किसी वरिष्ठ अधिकारी से पुष्टि नहीं की और सीएम स्टाफ और मैकेनिकल ट्रांसपोर्ट (एमटी) सेक्शन में नाश्ते के लिए बांट दिए। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के लिये लाए गए समोसे और केक उनके बजाय चूक वश उनके सुरक्षा कर्मियों को परोस दिए गये, जिससे विवाद खड़ा हो गया और सीआईडी जांच की आवश्यकता पड़ी, जिसमें इसे “सरकार विरोधी” कृत्य बताया गया। सीआईडी के एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने 21 अक्टूबर की घटना पर अपने नोट में कहा कि, जब मुख्यमंत्री सीआईडी मुख्यालय के दौरे पर थे, तो जिम्मेदार लोगों ने अपने एजेंडे के अनुसार काम किया। विवाद उस समय शुरू हुआ जब अपराध अन्वेषण विभाग (सीआईडी) मुख्यालय में 21 अक्टूबर को एक समारोह में भाग लेने गए मुख्यमंत्री को परोसने के लिए लक्कड़ बाजार स्थित होटल रेडिसन ब्ल्यू से समोसे और केक के तीन डिब्बे लाए गए थे। हालांकि, पुलिस उपाधीक्षक स्तर के अधिकारी द्वारा की गई जांच की रिपोर्ट के अनुसार, खाने की चीजें समन्वय की कमी के कारण मुख्यमंत्री के सुरक्षा कर्मचारियों को परोसी गई थीं। रिपोर्ट में कहा गया है कि महानिरीक्षक रैंक के एक अधिकारी ने पुलिस के एक उप निरीक्षक (एसआई) को मुख्यमंत्री के दौरे के लिए होटल से कुछ खाने-पीने की चीजें लाने को कहा था। एसआई ने बदले में एक सहायक उप निरीक्षक (एएसआई) और एक हेड कांस्टेबल को खाने-पीने की चीजें लाने का निर्देश दिया। एएसआई और हेड कांस्टेबल ने होटल से तीन सीलबंद डिब्बों में जलपान सामग्री लाकर एसआई को सूचित किया। पुलिस अधिकारियों ने अपने बयान में कहा कि जब उन्होंने ड्यूटी पर मौजूद पर्यटन विभाग के कर्मचारियों से पूछा कि क्या तीनों डिब्बों में रखा अल्पाहार मुख्यमंत्री को परोसा जाना था, तो उन्होंने कहा कि ये मेन्यू (खाने-पीने की विवरणिका) में शामिल नहीं थे। जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि केवल उक्त एसआई, जिसने एएसआई और हेड कांस्टेबल को होटल से नाश्ता लाने का काम सौंपा था, को ही इस बात की जानकारी थी कि तीनों डिब्बे सुक्खू के लिए थे। महिला निरीक्षक, जिन्हें खाद्य सामग्री सौंपी गई थी, ने किसी वरिष्ठ अधिकारी से पूछे बिना ही जलपान को यांत्रिक परिवहन (एमटी) अनुभाग को भेज दिया, जो जलपान से संबंधित कार्य देखता है। इस प्रक्रिया में जलपान के तीन डिब्बों का कई लोगों के हाथों में आदान-प्रदान हुआ। दिलचस्प बात यह है कि सीआईडी विभाग के एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने अपनी टिप्पणी में लिखा है कि जांच रिपोर्ट में उल्लखित सभी व्यक्तियों ने सीआईडी और सरकार विरोधी तरीके से काम किया है, जिसके कारण ये वस्तुएं अतिविशिष्ट लोगों को नहीं दी जा सकीं। टिप्पणी में कहा गया कि उन्होंने अपने एजेंडे के अनुसार काम किया। मीडिया रिपोर्ट के हवाले से बताया, कारण बताओ नोटिस जारी करने वाले पुलिसकर्मी डीएसपी रैंक के जांच अधिकारी के समक्ष अपने अंतिम बयान दर्ज कराने की प्रक्रिया में हैं, जिन्होंने पांचों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की है। अधिकारी ने 25 अक्टूबर को आईजी (सीआईडी) को अपनी रिपोर्ट सौंपी। विडंबना यह है कि मुख्यमंत्री के करीबी सूत्रों ने मीडिया को बताया है कि वह हाल ही में हुई बीमारी से उबरने के कारण समोसे और तली हुई चीजें नहीं खाते हैं। यह घटना 21 अक्टूबर को हुई जब सीएम सुखू साइबर विंग स्टेशन का उद्घाटन करने के लिए सीआईडी मुख्यालय का दौरा कर रहे थे। इस बात से अनजान कि सीएम समोसे नहीं खाएंगे, एक महानिरीक्षक (आईजी) रैंक के अधिकारी ने एक सब-इंस्पेक्टर को उनके लिए होटल रेडिसन ब्लू से तीन डिब्बे समोसे और केक लाने का निर्देश दिया। वहीं, भारतीय जनता पार्टी के विधायक रणधीर शर्मा ने समोसे को लेकर हुई जांच पर सरकार पर निशाना साधा है. बीजेपी विधायक रणजीत शर्मा ने कहा कि प्रदेश की जनता परेशान है और मुख्यमंत्री और राज्य सरकार को समोसे की चिंता है. रणधीर शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री के लिए ले गए समोसे से जुड़ी घटना ने विवाद को जन्म दे दिया है. उन्होंने कहा कि समोसे गलती से मुख्यमंत्री की बजाय सुरक्षा कर्मचारियों के पास पहुंच गए, जिसकी सीआईडी ने जांच करवाई. जांच में इस गलती को सरकार विरोधी कृत्य करार दिया गया. सरकार विरोधी कृत्य अपने आप में एक बड़ा शब्द है. रणधीर शर्मा ने कहा कि समोसे को लेकर की गई इस जांच के बाद राज्य सरकार एक बार फिर जनता के बीच हंसी का पात्र बन गई है.