2023-10-05 18:03:30
प्रमोद मल्ल असम : इस संबंध में रेलवे ऑफिसर्स विश्राम गृह डिब्रुगढ़ में एक संवाददाता सम्मेलन किया गया। भारत सरकार के पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस और श्रम व रोजगार मंत्रालय के राज्य मंत्री रामेश्वर तेली, पू. सी. रेल के अपर महाप्रबंधक यतेंद्र कुमार और तिनसुकिया के मंडल रेल प्रबंधक उत्तम प्रकाश ने इस बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम के क्यूरेटर कैप्टन राहुल बाली ने मैराथन, पुरस्कार राशि और दी जाने वाली ट्रॉफियों का विवरण प्रस्तुत किया। नॉर्थईस्ट हॉफ मैराथन निश्चित रूप से डिब्रुगढ़ को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों प्लेटफार्मों पर सुर्खियों में लाएगा क्योंकि दुनिया के कई हिस्सों से 3000 से अधिक धावकों के भाग लेने की उम्मीद है। विजेताओं को ट्रॉफी, मेडल और मेरिट सर्टिफिकेट के अलावा 6.5 लाख रुपये के पुरस्कार दिये जायेंगे। डिब्रुगढ़ में इस हॉफ मैराथन की खास बात यह है कि खिलाड़ियों को सशक्त बनाने के अलावा, यह डिब्रुगढ़ की विभिन्न खासियतों जैसे शानदार बोगीबील ब्रिज, पवित्र जगन्नाथ मंदिर और मंत्रमुग्ध कर देने वाले चाय बागानों को उजागर करेगा,
जो पर्यटन को निश्चित रूप से बढ़ावा देने में काफी मदद करेंगी ! मंत्री रामेश्वर तेली ने कहा हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के पूर्वोत्तर के समग्र विकास एवं राष्ट्र निर्माण के विजन के अनुरूप, डिब्रुगढ़ इस वर्ष की सबसे बड़ी दौड़ का गवाह बनने जा रहा है। बोगीबील ब्रिज, डिब्रुगढ़ में पहली बार नॉर्थईस्ट हॉफ मैराथन रविवार 29 अक्टूबर, 2023 को आयोजित होगी। पूर्वोत्तर के विकास, खेलों को सशक्त बनाने और भारत के प्रतिष्ठित टी सिटी - डिब्रुगढ़ को बढ़ावा देने के उद्देश्य के साथ पूर्वोत्तर सीमा रेल और इनोवेशन इंडिया ने नॉर्थईस्ट हॉफ मैराथन के आयोजन के लिए हाथ मिलाया है। नॉर्थईस्ट हॉफ मैराथन, डिब्रुगढ़ को पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय, साई, असम एथलेटिक एसोसिएशन, असम पुलिस और विक्रन फाउंडेशन सहित अन्य द्वारा सहयोग किया जाएगा। हॉफ मैराथन का उद्देश्य खिलाड़ियों का सशक्तिकरण और पूर्वोत्तर भारत में खेल के बुनियादी ढांचे का विकास करना है। नॉर्थईस्ट हॉफ मैराथन मैराथनों की एक श्रृंखला है, जो पूर्वोत्तर भारत में खिलाड़ियों को सशक्त बनाने और खेल गतिविधि के विकास के उद्देश्य से समग्र पूर्वोत्तर भारत में आयोजित की जा रही है। नियोजित श्रृंखला की पहली मैराथन रविवार 05 फरवरी, 2023 को मालीगांव में हुई थी, जिसमें देश भर के साथ-साथ विदेशों से लगभग 3000 धावकों ने उक्त दौड़ में भाग लिया था। विजेताओं को ट्रॉफी, पदक और प्रमाण-पत्र के अलावा 11 लाख रुपये के पुरस्कार वितरित किए गए।