लाइफ़स्टाइल
और पढ़ें


मनोरंजन
और पढ़ें


सिर्फ साल में एक बार श्रावण शुक्ल पंचमी पर ही दर्शनों के लिए खोला जाता है उज्जैन का नागचंद्रेश्वर मंदिर

: मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर क्यों खुलता है सिर्फ साल में एक बार । हिंदू धर्म में सदियों से नागों की पूजा करने की परंपरा रही है
News

2024-08-09 16:45:48

उज्जैन : मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर क्यों खुलता है सिर्फ साल में एक बार । हिंदू धर्म में सदियों से नागों की पूजा करने की परंपरा रही है। हिंदू परंपरा में नागों को भगवान का शिव का आभूषण भी माना गया है। भारत में नागों के अनेक मंदिर हैं, इन्हीं में से एक मंदिर है उज्जैन स्थित नागचंद्रेश्वर का, जो की उज्जैन के प्रसिद्ध महाकाल मंदिर की तीसरी मंजिल पर स्थित है। इसकी खास बात यह है कि यह मंदिर साल में सिर्फ एक दिन नागपंचमी के श्रावण शुक्ल पंचमी पर ही दर्शनों के लिए खोला जाता है। ऐसी मान्यता है कि नागराज तक्षक स्वयं मंदिर में रहते हैं । नागचंद्रेश्वर मंदिर में 11वीं शताब्दी की एक अद्भुत प्रतिमा स्थापित है, इसमें फन फैलाए नाग के आसन पर शिव-पार्वती मां बैठे हैं। कहते हैं यह प्रतिमा नेपाल से यहां लाई गई थी। उज्जैन के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसी प्रतिमा नहीं है। पूरी दुनिया में यह एकमात्र ऐसा मंदिर है, जिसमें विष्णु भगवान की जगह भगवान भोलेनाथ सर्प शय्या पर विराजमान हैं। मंदिर में स्थापित प्राचीन मूर्ति में शिवजी, गणेशजी और मां पार्वती के साथ दशमुखी सर्प शय्या पर विराजित हैं। शिवशंभु के गले और भुजाओं में भुजंग लिपटे हुए हैं। मान्यता है कि नागपंचमी के श्रावण शुक्ल पंचमी को जो भगत नागचंद्रेश्वर महादेव का दर्शन करते हैं उनकी सभी मनोकामनाएं महादेव और माता पार्वती पूर्ण कर देती है। इस दिन नागचंद्रेश्वर महादेव के दर्शन के लिए देश विदेश से लाखों की संख्या में भगत उज्जैन महाकाल मंदिर पहुंचते हैं। आपको बता दे कि श्री महाकालेश्वर मंदिर शिखर के तीसरे तल पर 11वी शताब्दी की परमारकालीन प्रतिमा नाग के आसन पर स्थित शिव पार्वती की सुन्दर प्रतिमा है। श्री नागचंद्रेश्वर महादेव मंदिर के पट आज 08-08-2024 को रात्रि 12:00 बजे खुला तथा पूजन पश्चात दर्शनार्थी हेतु दर्शन प्रारम्भ हुए। यह पट दिनांक 09-08-2024 को रात्रि 12:00 बजे तक खुले रहेंगे। नागपंचमी के शुभ पर्व पर भगवान् नागचंद्रेश्वर की त्रिकाल पूजा होगी । नागपंचमी के दिन इस प्रतिमा के दर्शन के बाद ही भक्तजन नाचंद्रेश्वर महादेव के दर्शन वर्ष में एक बार ही करते हैं। प्राचीनकाल से शिव की नगरी के रुप में पहचाने जाने वाले उज्जैन में विशाल परिसर में स्थित, यह मंदिर तीन खंडो में विभक्त है। सबसे नीचे खंड में भगवान महाकालेश्वर, दूसरे खंड में ओकारेश्वर और तीसरे खंड में दुर्लभ भगवान नागचंद्रेश्वर का मंदिर है। यह प्रतिमा पड़ोसी देश नेपाल से यहां लायी गयी तथा यहां पर श्रीलक्ष्मी माता एवं शंकर पार्वती की नंदी पर विराजित प्रतिमा भी लायी गयी जो मंदिर के दूसरे तल पर स्थित है। नागचंद्रेश्वर के साथ इनका भी पूजन नागपंचमी के दिन किया जाता है।

Readers Comments

Post Your Comment here.
Characters allowed :
लाइफ़स्टाइल
और पढ़ें


मनोरंजन
और पढ़ें


Follow Us


Monday - Saturday: 10:00 - 17:00    |    
info@bhavykhabar.com
Copyright© Bhavy Khabar
Powered by DiGital Companion