2024-11-07 15:36:45
पटना : संतान और परिवार के सुख की मनोकामना पूरी करने वाला छठ महापर्व शुरु हो चुका है. सनातन धर्म में छठ पूजा का बहुत महत्व है. हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से छठ महापर्व शुरु हो जाता है. छठ पूजा में भगवान भास्कर यानी सूर्यदेव और छठी मैया की पूजा की जाती है और 36 घंटे का कठिन निर्जला व्रत रखा जाता है. नहाय खान से शुरु होने वाला छठ महापर्व, खरना, संध्या अर्घ्य और सुबह के अर्घ्य तक चलता है. इस दौरान पवित्रता का बहुत ख्याल रखा जाता है. कहा जाता है कि छठ पर्व में सूर्यदेव को जल यानी अर्घ्य देकर ही व्रती अपने लंबे व्रत का पारण करते हैं. बिहार और पूर्वोत्तर भारत से लेकर अब छठ का महापर्व देश विदेशों में भी मनाया जाने लगा है. आज छठ पूजा का खरना पर्व मनाया जा रहा है. चलिए जानते हैं कि छठ पूजा का क्या महत्व है और इसके साथ साथ जानेंगे संध्या अर्घ्य और सुबह के अर्घ्य का समय. छठ पूजा के दौरान संध्या अर्घ्य और सुबह के अर्घ्य में व्रती भगवान सूर्य देव को जल में खड़े होकर जल अर्पित करते हैं. इसके लिए पवित्र लोटे में जल लेकर कच्चे दूध की कुछ बूंदें मिलाई जाती हैं. इसके साथ साथ लोटे में लाल चंदन, कुछ और थोड़े से अक्षत मिलाए जाते हैं. इसके बाद व्रती पानी में ही खड़े खड़े सूर्यदेव की ओर मुख करके सूर्य मंत्र का जाप (सूर्य मंत्र- ॐ सूर्याय नमः, ॐ आदित्याय नमः, ॐ नमो भास्कराय नमः)करते हुए सूर्यदेव को जल अर्पित करता है. इस दौरान व्रती हाथ में फल और प्रसाद से भरा दउरा यानी सूप लेकर भगवान सूर्य की पूजा करता है और अपने घर परिवार के लिए सुख शांति और समृद्धि की मनोकामना करता है. कहा जाता है कि संध्या कालीन अर्घ्य देने से घर परिवार के सदस्यों की उम्र लंबी और स्वास्थ्य अच्छा होता है. छठ पूजा में अर्घ्य देने के लिए व्रती के साथ पूरा परिवार नदी या तालाब किनारे जाता है. वहां बांस से बने डलिया में पूजन का सामान रखा जाता है और घर के सदस्य उसे सिर पर लेकर नंगे पांव नदी या तालाब तक जाते हैं. इस साल खरना पूजा का शुभ मुहूर्त सांय 5.29 से लेकर 7.48 तक रहेगा. छठ पर्व में सूर्योदय और सूर्यास्त के समय अर्घ्य देने का खास महत्व है. इस साल यानी 2024 में खरना के अगले दिन संध्या कालीन अर्घ्य और उसके अगले दिन सुबह के समय सूर्यदेव को अर्घ्य देने के समय को लेकर पंडितों ने बयान जारी किए हैं. छठ पूजा के तीसरे दिन अस्तगामी सूर्य को अर्घ्य देने का समय 5.29 बजे तक रहेगा. वहीं छठ पूजे के चौथे और अंतिम दिन सूर्योदय में सूर्यदेव को अर्घ्य देने का शुभ मुहूर्त 6.32 बजे तक रहेगा.