2024-12-14 19:40:46
नई दिल्ली : पीएम मोदी ने कहा कि हम सभी के लिए, सभी देशवासियों के लिए, दुनिया के लोकतंत्र पसंद नागरिकों के लिए ये बहुत गर्व का पल है। लोकतंत्र के पर्व को बड़े गौरव के साथ मनाने का अवसर है। संविधान के 75 वर्ष की यात्रा एक अविस्मरणीय यात्रा है और दुनिया के सबसे महान और विशाल लोकतंत्र की इस यात्रा के मूल में हमारे संविधान निर्माताओं की दूरदर्शिता का योगदान है, जिसे लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं। 75 वर्ष पूरे होने पर ये उत्सव का क्षण है। आजादी से पहले संविधान निर्माताओं के बीच एकता थी। लेकिन आजादी के बाद गुलामी की मानसिकता में पड़े लोग देश की विविधिता में विरोधाभास ढूंढते रहे। ये लोग विविधिता को सेलिब्रेट करने के बजाय उसे तोड़ने की कोशिश करते रहे। जब देश संविधान 25 वर्ष पूरे कर रहा था तब हमारे देश में संविधान को नोंच दिया गया। देश में आपातकालीन लाया गया। प्रेस की स्वतंत्रता को खत्म कर दिया। कांग्रेस के माथे का ये पाप कभी नहीं धुलेगा। आर्टिकल 370 देश की एकता में दीवार बना था। हमारी प्राथमिकता देश की एकता थी, इसलिए धारा 370 को हटाया। इतने बड़े विशाल देश में अगर आर्थिक रूप से आगे बढ़ना है। विश्व को निवेश के लिए आना है। इकोनॉमिक यूनिटी के लिए जीएसटी ने बड़ी भूमिका अदा की है। वन नेशन वन टैक्स बड़ी भूमिका को आगे बढ़ा रहा है। राशन कार्ड गरीबों के लिए मूल्यवान दस्तावेज रहा है। लेकिन अगर एक राज्य से दूसरे राज्य जाता था तो किसी चीज का हकदार नहीं था। एकता के भाव को मजबूत करने के लिए वन नेशन वन राशन कार्ड को हमने आगे किया। देश के नागरिकों को मूफ्त में इलाज मिलने पर गरीबी से लड़ने की ताकत दोगुनी हो जाती है। किसी काम से वो बाहर गया वहां वो जीवन मृत्यु की लड़ाई लड़ता हो ऐसे समय में उसे सहायता नहीं मिलेगी तो वो किस काम की। इसलिए हम वन नेशन वन हेल्थ कार्ड के रूप में आयुष्मान कार्ड लेकर आए। देश में कई बार ऐसा हुआ कि देश के एक हिस्से में बिजली थी, लेकिन सप्लाई नहीं हो रही थी। इसलिए दूसरे इलाके में अंधेरा रहता था। फिर हमने वन नेशन वन ग्रीड को परिपूर्ण किया। आज बिजली के प्रवाह को निर्विरोध हिंदुस्तान के हर कोणे में ले जाया जा सकता है। इंफ्रास्ट्रक्टर में भेदभाव की बू आती रहती है। लेकिन हमने संतुलित विकास को ध्यान में रखते हुए हिमालय की गोट के इलाके, रेगिस्तान के सटे इलाके या नार्थ ईस्ट सभी को बदलने का काम किया है। संवाददाता : रमण श्रीवास्तव