लाइफ़स्टाइल
और पढ़ें


मनोरंजन
और पढ़ें


बिहार में भू माफियाओं ने सरकरी अफसर के साथ मिलकर दो स्कूलों की जमीन बेच दी.

मोतिहारी जिले के ढाका प्रखंड के उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पचपकड़ी और उत्क्रमित मध्य विद्यालय फुलवारिया की जमीन को बेचने का मामला प्रकाश में आया है.
News

2024-12-06 07:54:53

पटना : बिहार का शिक्षा विभाग कभी अपने कार्य के लिए और कभी अपने कारनामों के कारण सुर्खियों में रहता है. इस बार तो हद ही हो गई. मोतिहारी में स्कूल की जमीन बिक्री का मामला सामने आया है. दो-दो सरकारी स्कूल के भवन और उसकी जमीन बेच दी गई. इस मामले में जांच अधिकारी ने भू माफिया और सीओ कार्यालय के द्वारा गड़बड़ी होने की बात कही है. बिहार विधानसभा में बीजेपी विधायक पवन जायसवाल ने इस मुद्दे को उठाया, जिसके बाद से हड़कंप मचा हुआ है. दान देने वाले के वंशज ने ही बेच दीः दरअसल, मामला ढाका प्रखंड के फुलवारिया और पचपकड़ी का है. फुलवरिया गांव स्थित जिस सरकारी विद्यालय को जमीन समेत बेच दिया गया. उस जमीन को फुलवरिया की बासमति चौधुर ने वर्ष 1942 में विद्यालय की स्थापना के लिए मौखिक रुप से 11 कट्ठा 12 धुर जमीन दान में दी थी. इस जमीन पर विद्यालय की स्थापना हुई. लेकिन इस जमीन को बासमति चौधुर के वंशज शशिभूषण प्रसाद ने अपनी पत्नी को 2019 में जमीन को बेच दिया.सीओ ने कर दी जमाबंदीः हैरानी की बात है कि ढाका सीओ ने उस जमीन का दाखिल खारिज कर जमाबंदी भी कायम कर दिया. जबकि उस जमीन पर बने विद्यालय को वर्ष 2021 में उच्चरतर माध्यमिक विद्यालय में उत्क्रमित कर दिया गया. अब सवाल उठता है कि जब 2019 में जमीन की बिक्री हो चुकी थी तो शिक्षा विभाग ने बिना जांच जमीन पर स्कूल भवन का निर्माण कैसे करा दिया. इस मामले में एडीम मुकेश सिंहा ने जांच रिपोर्ट में निबंधन कार्यालय और अंचल कार्यालय द्वारा गलती करने की बात लिखी है. दूसरा मामला ढाका प्रखंड के ही पचपकड़ी गांव स्थित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का है. इस जमीन को भी विद्यालय समेत बेच दिया गया है. विजय राय नाम के एक व्यक्ति ने खरीदी है. इसकी जानकारी मिलने पर विधायक पवन जायसवाल ने डीएम को एक पत्र लिखा. इस कारण उसका दाखिल खारिज नहीं हो सका. इसके बाद दोनों विद्यालय से संबंधित मामला बीजेपी विधायक पवन जायसवाल ने विधानसभा में उठाया. भूमि और राजस्व मंत्री ने कार्रवाई का भरोसा दिलाया है. पवन जायसवाल, बीजेपी विधायक, ढाका, मोतिहारी ने बताया की जिस जमीन को पूर्वजों ने दान में दिया है उसी जमीन को बेच दिया गया. सबसे बड़ी बात है कि उसका दाखिल खारिज भी सीओ कार्यालय से हो गया. इस मामले में संबंधित अंचलधिकारी, कर्मचारी, क्रेता और विक्रेता के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए ताकि इस तरह के कार्य करने वाले लोग दोबारा दुःसाहस नहीं कर सके. इस मामले में जानकारी देते हुए अपर समाहर्त्ता मुकेश सिंहा ने बताया कि उच्चतर विद्यालय पचपकड़ी और फुलवरिया का मामला है. पचपकड़ी में दाखिल खारिज नहीं हुआ है, लेकिन फुलवरिया में हो चुका है. जो निबंधन हुआ है. वह भी सरकारी स्कुल की जमीन का हुआ है. इस मामले में निबंधन और सीओ कार्यालय से गलती हुई है. इसके लिए विभाग को लिखा गया है. मुकेश कुमार सिन्हा, एडीएम, मोतिहारी ने कहां की इसकी जांच मेरे द्वारा की गई है. इस मामले में निबंधन कार्यालय से भी गलती हुई है और अंचल कार्यालय से भी गलती हुई है. अंचलाधिकारी और कर्मचारी पर कार्रवाई की अनुशंसा की गई है. साथ हीं जमीन बेचने वाले व्यक्ति पर भी एफआईआर दर्ज करने की अनुशंसा की गई है. वहीं विधानसभा में मामला उठने के बाद एक जांच कमेटी बनाई गई. मोतिहारी एडीएम मुकेश कुमार सिन्हा के नेतृत्व में यह जांच हुई जांच में यह स्पष्ट हो गया है कि ढाका के फुलवरिया उत्क्रमित मध्य विद्यालय के जमीन को भूमाफियाओं ने अधिकारियों की मिली भगत से बेच दी. वहीं सीओ और कर्मचारियों ने इसका म्यूटेशन तक कर दिया. इसलिए संबंधित पदाधिकारी और कर्मचारियों पर विभागीय कार्रवाई के लिए विभाग को लिखा गया है. आपको बता दें, बीते दिनों बिहार के गोपालगंज जिले से भी जमीन फर्जीवाड़े के बड़े मामले का खुलासा हुआ था. दरअसल गोपालगंज के राजेंद्र बस स्टैंड की 85 कट्ठा जमीन को भू-माफिया ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए अपने नाम पर जमाबंदी करा ली थी. इस मामले का खुलासा होने के बाद बड़ी कार्रवाई की गयी थी. यह घोटाला तब सामने आया था जब भू-माफियाओं ने सदर अंचल से सेटिंग कर मोटी रकम खर्च कर यह खेल किया. यह बस अड्डा पटना, मुजफ्फरपुर, गोरखपुर, मोतिहारी, बेतिया, सीवान, बनारस जैसे प्रमुख शहरों के लिए बसों की सेवाएं प्रदान करता है. दरअसल हाल ही बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री दिलीप जायसवाल ने सदन की कार्यवाही के दौरान कहा था कि बिहार में जमीन से जुड़े कार्यों में गड़बड़ी करने वाले अधिकारी और कर्मचारियों को छोड़ा नहीं जाएगा. मंत्री ने कहा था कि जमीन से जुड़े कार्यों में गलत काम करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. मंत्री दिलीप जायसवाल ने यहां तक कह दिया था कि अधिकारी खुद सुधार जाएं नहीं तो हम सुधार देंगे. वहीं मंत्री के बयान के बाद अब कार्रवाई का दौर शुरू हो गया. संवाददाता : रमण श्रीवास्तव

Readers Comments

Post Your Comment here.
Characters allowed :
लाइफ़स्टाइल
और पढ़ें


मनोरंजन
और पढ़ें


Follow Us


Monday - Saturday: 10:00 - 17:00    |    
info@bhavykhabar.com
Copyright© Bhavy Khabar
Powered by DiGital Companion