2024-11-27 20:47:42
चंडीगढ़ : हरियाणा के वन विभाग में संकट के बादल मंडरा रहे हैं। हरियाणा के प्रधान मुख्य वन संरक्षक पीसीसीएफ जगदीश चंद्र आईएफएस पर गंभीर आरोप लगे हैं। उन्होंने हाल ही में हरियाणा में पीसीसीएफ (एचओएफएफ) का पदभार संभाला है। जगदीश चंद्र पीसीसीएफ होने के अलावा हरियाणा वन विकास निगम एचएफडीसी के प्रबंध निदेशक भी हैं, जो हरियाणा सरकार का उपक्रम है। हरियाणा के वन एवं वन्यजीव मामलों के अतिरिक्त मुख्य सचिव को लिखे एक कड़े पत्र में महाप्रबंधक मुख्यालय एचएफडीसी जितेंद्र अहलावत ने एमडी के खिलाफ शिकायत की है। अहलावत ने पत्र में लिखा है, “जगदीश चंद्र आईएफएस ने 16.08.2024 को करोड़ों रुपये के टेंडर जारी करने की मंजूरी दी है, जो कि राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद है। यह मंजूरी पिछली तारीख यानी 14.08.2024 को दी गई है, जिसमें नीचे हस्ताक्षरकर्ता के साथ-साथ एडिशनल एमडी एम.एस. मलिक दूर थे, जबकि दोनों अधिकारी कार्यालय में मौजूद थे। उन्होंने आगे बताया कि हरियाणा के वित्त विभाग के निर्देशों का उल्लंघन करते हुए एचएफडीसी अभी भी आईडीबीआई बैंक के साथ काम कर रहा है। पीसीसीएफ के खिलाफ कई अन्य आरोप भी दिए गए हैं। इसी तरह निजी व्यक्तियों ने भी पीसीसीएफ के व्यवहार के बारे में अतिरिक्त मुख्य सचिव को याचिका दी है। उन्होंने एचएफडीसी के विक्रेताओं को भुगतान जारी करने पर पीसीसीएफ और एचएफडीसी के एमडी के पक्षपातपूर्ण व्यवहार को प्रदर्शित करने का प्रयास किया है। जगदीश चंद्र के आचरण के खिलाफ कई शिकायतें भी लंबित हैं, जिनमें मनमाना कार्रवाई और कुछ विक्रेताओं के प्रति पक्षपात शामिल है। एक और कार्रवाई जो बारीकी से जांच के दायरे में आई है, वह यह है कि जगदीश चंद्र ने उचित अधिकार के बिना गुरुग्राम रेंजर को एचएफडीसी के रेवाड़ी रेंजर का अतिरिक्त प्रभार दे दिया। पीसीसीएफ के खिलाफ इन आरोपों पर निश्चित रूप से सरकार और वन विभाग को बड़ा विवाद खड़ा होने से पहले जांच करनी होगी। संवाददाता : रमण श्रीवास्तव